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नाव ॐ ॐ Kewat ^ Shri Ram Samvad संवाद ॐ ॐ This boat is made of woodBAL Vnita mahila ashram on the LordThis is the support of living.Keep the legs slightly apartThe feat is all of them.Raghav hides the matter


ॐ ॐ ॐ केवट ^ श्री राम संवाद ॐ ॐ ॐये नाव काठ की है 
BAL Vnita mahila ashramप्रभुवर
जीने का यही सहारा है ।
पैरो को थोड़ा दूर रखो
करतब ही इनका सारा है ।।
                बात छुपाते हो राघव
                मैं इतना भी अनजान नहीं ।
                शिला हुई कैसे एक नारी
                क्या मुझको इतना ज्ञान नहीं ।।        
तुमको कोई वहम हुआ।    
ये साधारण रघुराई है ।
कान तुम्हारे हैं फूंके
बाते सब सुनी सुनाई हैं ।।
             समय श्राप का था निश्चित
             सो केवट ये सब काम हुआ ।
             घड़ी काल थे सब निश्चित
             मेरा यूं ही नाम हुआ ।।
नाव बनेगी ,नहीं नारी
मेरा तुम विश्वास करो ।
चित्रकूट हमको जाना है
भाई गंगा पार करो ।।
          नहीं सफाई की जरूरत
          मैं वाकिफ हूँ क्या माया है ।
          केवट की रोजी रोटी का
          प्रभु लगता आज सफाया है ।।
भक्त ढीठ है ये पूरा
रघुवर ये अब जान गये
पैर धुलेंगे पहले अब
आखिर मैं , ये मान गये ।
          ॐ जय सियाराम की मित्रवरी ॐ
       स्वरचित, सर्वाधिकार - By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब

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